पिंजरा -05-Jun-2022
शीर्षक - पिंजरा
कभी सुना है तुमने दोस्तों,
उस तड़पते पंछी की पुकार,
कभी देखा है तुमने,
उस जीव को उछलते - कूटते,
कैसा लगता होगा उस कैद में,
पिंजरा नहीं ये फसी का फंदा है,
ये जीवन नहीं एक सजा है,
इंसान को देखना कभी तुम,
कैद करके,
अपने बच्चे से पूछना तुम,
उसको कैद करके,
पंछी का कसूर क्या है,
क्या उसे आजाद रहने का अधिकार ना है,
ज़िन्दगी उसको भी तो मिली है,
जीव रूप में सही,
ये संसार उसका भी तो है।
Kaushalya Rani
08-Jun-2022 05:44 PM
Nice
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MEETU CHOPRA
08-Jun-2022 07:51 PM
Ty💞
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Seema Priyadarshini sahay
06-Jun-2022 10:50 AM
बेहतरीन👌👌
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MEETU CHOPRA
08-Jun-2022 07:51 PM
Thanks
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Swati chourasia
05-Jun-2022 09:47 PM
बहुत खूब
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MEETU CHOPRA
08-Jun-2022 07:51 PM
Shukriya 💞
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